
उत्तराखंड, जो अपनी खूबसूरत वादियों, हिमालय की ऊँचाइयों और पर्यटकों के आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है, देश और दुनिया के लाखों लोगों का ध्यान खींचता है। इस राज्य में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग है और होटल व्यवसाय इसका अभिन्न हिस्सा है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि उत्तराखंड के होटलों में काम करने वाले कर्मचारियों का जीवन कैसा होता है? और क्यों यह क्षेत्र नौजवानों के लिए पहली पसंद नहीं बनता?


होटल कर्मचारियों की चुनौतियां
होटल उद्योग में काम करना जितना आसान लगता है, असल में यह उससे कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है। उत्तराखंड में, विशेष रूप से पर्यटन केंद्रित क्षेत्रों जैसे मसूरी, नैनीताल, औली, और ऋषिकेश में, होटल कर्मचारियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
लंबे कार्य घंटे
होटल उद्योग में कर्मचारियों से 10-12 घंटे काम करने की उम्मीद की जाती है। कई बार पर्यटन के पीक सीजन में यह समय और भी बढ़ जाता है। कर्मचारियों को अक्सर छुट्टियों और त्योहारों पर भी काम करना पड़ता है, जो उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है।
कम वेतन

मौसमी नौकरियां
उत्तराखंड का पर्यटन मुख्यतः मौसमी है। गर्मियों और सर्दियों के दौरान पर्यटकों की भीड़ रहती है, लेकिन मॉनसून या ऑफ-सीजन में पर्यटकों की संख्या घट जाती है। इससे कर्मचारियों को नौकरी की स्थिरता नहीं मिलती।
कुशलता का अभाव और प्रशिक्षण की कमी
उत्तराखंड के छोटे होटलों में कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण और करियर ग्रोथ के अवसर नहीं मिलते। इससे वे अपने काम में उत्साह नहीं दिखा पाते।
पारिवारिक दबाव और सामाजिक धारणा
उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में, होटल में काम करने को लेकर अभी भी एक नकारात्मक धारणा है। परिवार और समाज अक्सर होटल की नौकरियों को सम्मानजनक नहीं मानते, जिससे युवा इस क्षेत्र में जाने से कतराते हैं।
आकर्षण की कमी के कारण
होटल उद्योग, जो कई अन्य राज्यों और देशों में युवाओं के लिए आकर्षक करियर विकल्प बनता है, उत्तराखंड में यह क्यों नहीं है? इसके कई कारण हैं:
प्रगति के सीमित अवसर: स्थानीय होटलों में कर्मचारियों को आगे बढ़ने का पर्याप्त मौका नहीं मिलता।
शिक्षा और कौशल का अभाव: उत्तराखंड में होटल प्रबंधन के कोर्स और संस्थानों की कमी है। जो युवा इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उन्हें बाहर जाना पड़ता है।
विकास की धीमी गति: राज्य के छोटे और मध्यम आकार के होटल अपने कर्मचारियों को बड़े ब्रांड्स की तरह लाभ और सुविधाएं नहीं दे पाते।
समाधान और सुझाव
उत्तराखंड के होटल कर्मचारियों की स्थिति सुधारने और युवाओं को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं:
उचित वेतन और लाभ
कर्मचारियों को उनकी मेहनत के अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए और उन्हें अन्य लाभ जैसे बीमा, छुट्टी और बोनस भी प्रदान किए जाने चाहिए।
प्रशिक्षण और विकास
सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर होटल कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने चाहिए, जिससे उनकी दक्षता और आत्मविश्वास बढ़े।
करियर ग्रोथ के अवसर
कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि होटल उद्योग में उनके लिए विकास के अवसर हैं।
सामाजिक जागरूकता
समाज में यह धारणा बदलने की जरूरत है कि होटल में काम करना सम्मानजनक और स्थायी करियर विकल्प हो सकता है।
स्थिरता सुनिश्चित करना
पर्यटन के मौसमी होने के बावजूद, कर्मचारियों के लिए स्थिर नौकरी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
लेखक- आचार्य नवीन चंद्र सुयाल (एमए, बीएड)
