पेट्रोल डीजल की कार से छुटकारा पाने के लिए अगर आप भी इलेक्ट्रिक कार के ऑप्शन देख रहे हैं तो हम आपको यहां पर 15 लाख रुपये तक के बजट में देश में मिलने वाली इलेक्ट्रिक कारों की जानकारी दे रहे हैं। इस खबर में हम सभी इलेक्ट्रिक कारों के एक्स शोरूम कीमत से लेकर उनकी रेंज और फीचर्स की जानकारी दे रहे हैं।
भारत की ईवी बनाने वाली कंपनी टाटा ने 28 सितंबर को ही टियागो ईवी को भारतीय बाजार में लॉन्च किया है। लॉन्च के बाद ये देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बन गई है। इस इलेक्ट्रिक कार में कंपनी ने दो बैटरी पैक का ऑप्शन दिया है। 19.2 KWH वाली बैटरी के साथ कंपनी के मुताबिक कार को सिंगल चार्ज में 250 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। इसके अलावा 24 KWH की बड़ी बैटरी के साथ इसे सिंगल चार्ज में 315 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। कार को 7.2 किलोवॉट के चार्जर से तीन घंटे 36 मिनट में फुल चार्ज किया जा सकता है और अगर डीसी फॉस्ट चार्जर का उपयोग करते हैं तो 10 से 80 फीसदी चार्ज सिर्फ 57 मिनट में हो सकती है। कार में फीचर्स की बात करें तो इसमें स्टैंडर्ड तौर पर फुली ऑटो एसी, ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, पंचर रिपेयर किट और कनेक्टिड कार टैक जैसे फीचर दिए गए हैं। इसके अलावा इसे एनसीएपी की ओर से फोर स्टार वाले प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इस इलेक्ट्रिक कार में स्पोर्ट्स मोड, कूल्ड ग्लोवबॉक्स, आई टीपीएमएस जैसे फीचर्स मिलते हैं। कार की एक्स शोरूम कीमत 8.49 लाख रुपये से शुरू होती है और इसके टॉप मॉडल की एक्स शोरूम कीमत 11.79 लाख रुपये है। इस ईवी को अगर आप बुक करना चाहते हैं तो 10 अक्टूबर से बुकिंग शुरू हो जाएगी और कंपनी टियागो ईवी की डिलीवरी जनवरी 2023 से शुरू करेगी।
दूसरे नंबर पर टाटा की ही इलेक्ट्रिक कार टिगोर है। टिगोर की एक्स शोरूम कीमत की शुरूआत 12.49 लाख रुपये से शुरू होती है और इसके टॉप वैरिएंट की एक्स शोरूम कीमत 13.64 लाख रुपये है। कंपनी के मुताबिक टिगोर ईवी सिंगल चार्ज में 306 किलोमीटर की रेंज ऑफर करती है। कार को फॉस्ट चार्जर से सिर्फ 65 मिनट में जीरो से 80 फीसदी चार्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही इस कार को पॉवर सॉकेट से चार्ज करने पर आठ घंटे 45 मिनट का समय लगता है। इसे भी एनसीएपी की ओर से फोर स्टार सेफ्टी रेटिंग हासिल है। कार की बैटरी को आईपी 67 सर्टिफाइड रेटिंग मिली हुई है। सेफ्टी के लिए कार में ड्यूल एयरबैग, एबीएस, ईबीडी और कॉर्नर स्टेबिलिटी कंट्रोल फीचर मिलते हैं।
तीसरे नंबर पर भी टाटा की ही इलेक्ट्रिक कार नेक्सन है। नेक्सन की ईवी प्राइम देश की तीसरी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है। इसकी एक्स शोरूम कीमत 14.99 लाख रुपये से शुरू हो जाती है और इसका टॉप वैरिएंट 17.50 लाख रुपये की एक्स शोरूम कीमत के साथ मिलता है। हालांकि नेक्सन में ईवी मैक्स, डॉर्क एडिशन और जेट एडिशन भी मिलते हैं जिनकी कीमत अलग-अलग हैं। नेक्सन ईवी प्राइम फॉस्ट चार्जर से 60 मिनट में 10 से 80 फीसदी चार्ज हो जाती है और अगर इसे सामान्य चार्जिंग पाइंट से चार्ज किया जाता है तो नौ घंटे 10 मिनट में कार 10 से 90 फीसदी चार्ज हो जाती है। इलेक्ट्रिक होने पर भी ये कार 9.9 सेकेंड में जीरो से 100 किलोमीटर की स्पीड हासिल कर लेती है। सेफ्टी के लिए कार को पूरे पांच स्टार मिले हैं। इस कार में ड्यूल एयरबैग, एबीएस, ईबीडी, कॉर्नर स्टेबिलिटी कंट्रोल, आइसोफिक्स चाइल्ड सीट एंकर के अलावा बैटरी को भी आईपी 67 रेटिंग मिली हुई है। फीचर के तौर पर इसमें क्रूज कंट्रोल, टायर प्रैशर मॉनिटरिंग सिस्टम, स्मार्ट वॉच इंटीग्रेशन, मल्टी मोड रीजेन सहित कई फीचर मिलते हैं।
भारत में हर साल पांच लाख हादसों में डेढ़ लाख लोगों की जान चली जाती है। इनमें से 65 फीसदी की उम्र 18 से 34 साल के बीच होती है। हाल में ही उद्योगपति सायरस मिस्त्री की भी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। सायरस अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे और यात्रा के दौरान हुए हादसे में कार सवार सायरस मिस्त्री सहित कुल दो की मौत हो गई थी। ऐसे हादसों के बाद कारों को और सुरक्षित बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार भी कारों को अधिक सुरक्षित बनाने पर जोर दे रही है और इसी कड़ी में कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अगर आपके पास ऐसी कार है जिसमें एयरबैग नहीं हैं और आप भी सुरक्षा के लिए अपनी कार में एयरबैग लगवाना चाहते हैं तो क्या ऐसा संभव हो सकता है। आपके इसी सवाल का जवाब हम इस खबर में दे रहे हैं।
हादसे के समय लगने वाले जोरदार झटके से एयरबैग यात्रियों की छाती, चेहरे और सिर को सुरक्षा देता है। सामान्य शब्दों में इसका काम डैशबोर्ड, स्टेयरिंग और शीशे के बीच ऐसी गद्देदार दीवार बना देता है जिससे गंभीर चोट लगने का खतरा कम हो जाता है।
सभी कार बनाने वाली कंपनियां अपनी कारों में एयरबैग तब देती हैं जब वह अच्छी तरह से टेस्ट कर लेती हैं। सभी कारों के लिए अलग-अलग तरीके से एयरबैग डिजाइन किए जाते हैं इसके बाद कारों का क्रैश टेस्ट होता है और उसमें सफल होने के बाद ही कार में एयरबैग लगाए जाते हैं लेकिन अगर आप बाहर से एयरबैग लगवाते हैं तो ऐसी स्थिति में क्रैश टेस्ट का ऑप्शन नहीं मिलेगा और इस बात की पूरी संभावना है कि जरूरत के समय या तो एयरबैग खुलेगा ही नहीं और ऐसी भी संभावना है कि बिना जरूरत के ही एयरबैग खुल जाए। ऐसे मामलों में बाहर से एयरबैग लगवाने में ज्यादा खतरा हो सकता है।
जरूरत से ज्यादा खर्च
Is it possible to install airbags in an old car or SUV how much is safe and how much will it cost
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कार में एयरबैग – फोटो : सोशल मीडिया
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में बताया था कि एयरबैग की कीमत 900 रुपये तक होती है। ऐसे में अगर आप बाहर से एयरबैग लगवाते हैं तो आपको इससे कहीं ज्यादा कीमत देनी पड़ सकती है। आप अपनी कार के स्टेयरिंग को हटाकर दूसरा स्टेयरिंग लगवा सकते हैं जिसमें पहले से ही एयरबैग लगा हुआ हो। ये ऑप्शन भी कुछ ही कारों के साथ संभव है। इसकी लागत निकालें तो हो सकता है कि आप एक नई कार के बराबर ही खर्च कर दें।
हाल में भी उद्योगपति सायरस मिस्त्री की मौत सड़क हादसे में हुई थी। जानकारी के मुताबिक सायरस पीछे की सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। घटना के बाद सीट बेल्ट और एयरबैग पर चर्चा शुरू हो गई है। आइए समझते हैं, सीट बेल्ट और एयरबैग के बीच क्या है संबंध।
भारत में भी सभी कार निर्माताओं के लिए कार में एयरबैग देना अनिवार्य है। सुरक्षा के अन्य फीचर्स के साथ ही एयरबैग भी कार में बैठे यात्रियों की हादसे के समय सुरक्षा करता है। कार में एयरबैग कितना जरूरी होता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के कई देशों में इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
जिस समय कार के साथ हादसा होता है तब टक्कर की स्पीड के मुताबिक ही एयरबैग खुलते हैं। कार का एक्सिलेरोमीटर सर्किट एक्टिव हो जाता है और इलेक्ट्रिकल करंट भेजता है जिसके बाद कार में लगा सेंसर एयरबैग को सिग्नल देता है और बेहद कम समय में ही एयरबैग खुल जाता है। एयरबैग कार सवार को स्टेयरिंग, डैशबोर्ड और शीशे की टक्कर से बचाते हैं। कई कारों में दरवाजों सहित अन्य जगहों पर भी एयरबैग दिए जाते हैं।
बिना सीट बेल्ट नहीं खुलते एयरबैग?
आपको जानकार हैरानी हो सकती है कि अगर आपने कार में सीट बेल्ट नहीं लगाई है और आपकी कार हादसे का शिकार हो जाती है तो कार में एयरबैग होने पर भी वो नहीं खुलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरबैग सीटबेल्ट का पूरक होता है। कई कारों में हादसे के समय एयरबैग तभी खुलते हैं जब कार में बैठे यात्रियों ने सीटबेल्ट लगा रखी हो। इसलिए जरूरी है कि आप भी कार कंपनी से इस बात की जानकारी लें कि किस स्थिति में आपकी कार के एयरबैग काम नहीं करेंगे।