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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025)का शुभारंभ 13 जनवरी से हुआ. शुरुआत के 2 दिन में करीब 4 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ में पुण्य कमाने के लिए देश-दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं. महाकुंभ में एक महिला पहुंची हैं, जिनकी इन दिनों मीडिया में काफी चर्चा हो रही है. इन्हें प्रयागराज महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला, माथे पर तिलक और साध्वी के कपड़ों में संगम नगरी में घूम रहीं इस महिला का नाम हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) हैं. वह कभी एंकरिंग किया करती थीं. फिर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनीं. अब महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंची हैं
उत्तराखंड से आती हैं हर्षा रिछारिया
31 साल की हर्षा रिछारिया उत्तराखंड से हैं. उनका मूल घर मध्य प्रदेश के भोपाल में हैं. वह आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं. महाकुंभ में वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं. इस अखाड़े से नागा साधु आते हैं. अपने इंस्टाग्राम पेज पर हर्षा ने खुद को एंकर, मेकअप आर्टिस्ट, सोशल एक्टिविस्ट, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और ट्रैवल ब्लॉगर बताया है.
Harsha Richhariya: उत्तराखंड में निवास करने वाली इस वर्ष 2025 के महाकुंभ में चर्चा का विषय बनी हुई है, इन्हें सबसे ख़ूबसूरत साध्वी बोला जा रहा हैं, गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला, ललाट पर तिलक सुंदर मेकअप और अपने आकर्षण के साथ दिख रही युवती की लोकप्रियता इस महाकुंभ में सभी को आकर्षित कर रही हैं हालाँकि हर्षा ने बताया है कि वे 2 सालों से साधना शुरू की है वैसे तो वे एक एंकर, मॉडल और सोशल मीडिया एंफ्लुएंसर हैं।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या हर्षा ने न्यूज़ मीडिया वालों को इंटरव्यू में बताया है कि, मैं साध्वी बनने की तरफ़ बढ़ रही हूँ, अभी तक साध्वी बनी नहीं हूँ, साध्वी बनने के लिए एक दीक्षा लेनी होती है और कई संस्कार करने होते हैं, मेरी वेश भूषा देखकर लोगों ने मुझे साध्वी हर्षा नाम दे दिया है लेकिन अभी मेरी साधना और संस्कार पूरी नहीं हुई है ऐसे में मुझे साध्वी कहना ग़लत हैं।
Harsha Richhariya कौन हैं?
Harsha Richhariya, जिनका जन्म UP के झाँसी में हुआ है और उन्होंने मुंबई और दिल्ली शहरों में रह कर काम किया हैं,जब उनका मन आध्यात्मिकता की ओर हुआ तो वे उत्तराखंड में रह कर साधना कर रही है। यह एक एंकर, मॉडल, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर हैं और इनकी आयु 30 वर्ष हैं, एक यूट्यूब द्वारा हर्षा रिछारिया का इंटरव्यू तब चर्चा में आया है जब कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनकी अध्यात्मिकता को चुनने के फ़ैसले की सराहना की और उन्हें महाकुंभ 2025 की ‘सबसे ख़ूबसूरत साध्वी’ बताया। इन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल में लिखा है कि वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या हैं। साध्वी कहलाना पसंद नहीं
हर्षा तीन दिन पहले ही प्रयागराज पहुंची हैं. महाकुंभ से उनकी तस्वीरें वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर #sundarsadhvi, #viralsadhvi, #mahakumbhviralsadhvi ट्रेंड हो रहा है. यू-ट्यूब रील्स में उनके वीडियो खूब दिख रहे हैं. हालांकि, हर्षा खुद को साध्वी कहलाना पसंद नहीं करती हैं.
महामंडलेश्वर से लिया गुरुमंत्र
हर्षा रिछारिया कहती हैं, “आप मुझे हर्षा ही कहिए. महाकुंभ में आते ही मुझे साध्वी का टैग दे दिया गया है. ये टैग फिलहाल सही नहीं है. क्योंकि मैं कोई साध्वी नहीं हूं. मैंने साध्वी के लिए कोई दीक्षा भी नहीं ली है. मेरा कोई संस्कार नहीं हुआ है. मैं एक साधारण शिष्या हूं. मैंने बस गुरु मंत्र लिया है, जिसके साथ मैं साधना करती हूं.”
इंसान को सही पहचान मिलना बहुत जरूरी
हर्षा ने कहा, “मुझे लगता है कि कुछ इंफ्लूएंसर्स और कुछ ब्लॉगर्स मेरे वीडियो को थोड़ा मसालेदार बनाकर दिखा रहे हैं. खुद को वायरल करने के लिए वो मुझे ऐसे टैग दे रहे हैं. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर होने के नाते जाहिर तौर पर इन हैश टैग से मुझे कुछ फायदा हुआ है. लेकिन, मुझे लगता है कि इंसान को एक सही पहचान मिलना बहुत जरूरी है.”
हर्षा ने कहा, “जरा सा भी गलत नाम या गलत शब्द जुड़ने से इंसान की पूरी इमेज बदल जाती है. इन टैग से सोशल मीडिया पर मेरे फॉलोअर्स बढ़े हैं, लेकिन मैं बहुत नेगेटिव चीजों का भी सामना कर रही हूं. लोग पूछते हैं कि ये साध्वी कैसे बन सकती है? ये साध्वी बनने लायक नहीं है.”
पुराने रील्स और कपड़ों पर ट्रोल करने वालों को दिया जवाब
हर्षा के पुराने रील्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उनके पहनावे को लेकर भी कुछ लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. हर्षा ने इनका भी जवाब दिया है. उन्होंने कहा, “मैं इसे पॉजिटिव तरीके से लेती हूं. इससे लोगों को पता चलेगा कि जिंदगी में कैसे बदलाव आता है. लोग जानेंगे कि मैं कहां से कहां पहुंची हूं.”
भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं
हर्षा ने ग्लैमर वर्ल्ड छोड़कर आध्यात्म का रास्ता चुना है. लेकिन, वह भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं मानतीं. उन्होंने सोशल मीडिया पर मौजूद अपनी पुरानी तस्वीरों के बारे में भी कहा कि अगर वह चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. हर्षा का कहना है कि यह उनकी लाइफ थी. आज वह एक दूसरी लाइफ की जर्नी पर हैं.
हर्षा रिछारिया कहती हैं, “ये मेरी यात्रा है. मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं. मैंने जो कुछ भी करने की जरूरत थी, उसे पीछे छोड़ दिया और इस मार्ग को अपनाया.”
सुकून की तलाश में मिला आध्यात्म का रास्ता
ग्लैमर वर्ल्ड से हर्षा का झुकाव आध्यात्म की ओर कैसे हुआ? इस बारे में हर्षा कहती हैं, “मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना. मैंने वह सब छोड़ दिया, जो कभी मुझे आकर्षित करता था. मैं सब कुछ छोड़कर ही संन्यास की राह में आई हूं. मैंने आंतरिक शांति के लिए साध्वी का जीवन चुना है.”
कैसे बनीं शिष्या?
सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर से हर्षा, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिष्या कैसे बनीं? इसके जवाब में वह कहती हैं, “मैं परम पूज्य गुरुदेव से डेढ़ साल पहले मिली थीं. उन्होंने बताया कि भक्ति के साथ-साथ अपने काम को भी संभाला जा सकता है. शिष्या बनने के बाद मैंने खुद से फैसला लिया कि मैं अपने प्रोफेशनल लाइफ को छोड़कर पूरी तरह से भक्ति में लीन रहूंगी.” वह कहती हैं, “मैं इस फैसले से पूरी तरह खुश हूं. उनका मार्गदर्शन मुझे संतुष्टि देता है.”
इंस्टाग्राम पर 1.3M से ज्यादा फॉलोअर्स
हर्षा रिछारिया के इंस्टाग्राम पर उनके 1.3M से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. उन्होंने 2,149 से ज्यादा पोस्ट किए हैं. हर्षा इस प्लेटफॉर्म पर 145 लोगों को फॉलो करती हैं. इंस्टाग्राम प्रोफाइल में हर्षा ने बताया है कि आध्यात्म अपनाने से पहले वह विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग भी होस्ट कर चुकी हैं. उन्होंने लंबे समय तक मुंबई और दिल्ली में रहकर काम भी किया है.

महाकुंभ 2025 में Harsha Richhariya
इस वर्ष 2025 में प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में हर्षा ने रुद्राक्ष की माला, जटा, माथे पर तिलक, मेकअप और अपनी आकर्षक नीली आँखों के ज़रिये सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और उन्हें सबसे ख़ूबसूरत साध्वी बताया जा रहा हैं। वायरल हो रहे एक वीडियो में जब उनसे उनकी सुंदरता और साध्वी बनने को लेकर सवाल किया गया तब हर्षा ने कहा मैंने सब कुछ छोड़कर इस जीवन को अपनाया है और मुझे इसमें सुकून मिलता है, हालाँकि न्यूज़ मीडिया के इंटरव्यू में हर्षा ने बताया कि अभी मुझे साध्वी नहीं कहना चाहिए क्योंकि मैं साध्वी के लिए ज़रूरी साधनों, संस्कार और तमाम ज़रूरी चीज़ों से नहीं गुज़री हूँ।

महाकुंभ 2025 जो कि 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में शुरू हुआ है, इसी बीच चर्चा में रही हर्षा रिछारिया ने अपने आकर्षक के कारण लोकप्रियता को बढ़ाया है और ऐसा बताया जा रहा है कि इनके इंस्टाग्राम के एकाउंट पर एक दिन में ही मिलियन में फॉलोअर्स की संख्या बढ़ी हैं, इसी प्रकार यू ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर हर्षा के पुराने वीडियो और रिल्स भी वायरल हो रहे हैं।
Team-freesabmilega.com