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India Economy in 2075: पाकिस्‍तान से कितने गुना बड़ी सुपर पावर बनेगा भारत, आंकड़े पड़ोसी को हिला देंगे

Goldman Sachs के आंकड़ों के अनुसार 2075 में भारत के पास पाकिस्तान से चार गुना ज्यादा बड़ी इकोनॉमी होगी. हालांकि, मौजूदा समय में भारत की जीडीपी पाकिस्तान से नौगुना ज्यादा है.

Pakistan Economy in 2075: भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना इसे तीसरे नंबर लाने का है. इस सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी की सरकार में तमाम काम किए जा रहे हैं. इन प्रयासों को देखकर एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि भारत बहुत जल्द तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2050 में दूसरे नंबर पर आ जाएगा. वहीं, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भले आज कर्ज की मार झेल रहा है, लेकिन 2075 में यह छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. हालांकि, भारत के मुकाबले उसकी जीडीपी का आंकड़ा बेहद कम होगा.

Goldman Sachs ने भविष्य की सबसे बड़ी इकोनॉमी को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें हर दस साल में देशों की जीडीपी की बदलते आंकड़ों को दर्शाया गया है. आज के समय में भारत की जीडीपी पाकिस्तान से नौ गुना ज्यादा है. 2075 तक यह फासला कम जरूर हो जाएगा, लेकिन फिर भी पाकिस्तान के मुकाबले भारत चार गुना बड़ी जीडीपी के साथ दूसरे नंबर पर बैठा होगा.

2075 में कितनी होगी भारत की इकोनॉमी?
रिपोर्ट के अनुसार साल 2075 में भारत के पास 52.5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होगी. आज देश की जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर है, जो 2020 से 2075 तक हर 10 साल में दो से डेढ़ गुना बढ़ती जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक इसमें दोगुना से भी ज्यादा का इजाफा होगा और यह आंकड़ा 6.6 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगा. 2030 से 2040 के बीच इसमें फिर से दोगुने का इजाफा होगा और देश की जीडीपी 13.2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी.

2050 से 2075 तक किस स्पीड से बढ़ेगी भारती की जीडीपी?
रिपोर्ट के अनुसार 2040 से 2075 के बीच हर दशक में जीडीपी की वृद्धि दर का आंकड़ा कम होता जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार 2040 तक दोगुनी स्पीड से अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी, लेकिन इसके बाद यह घटकर डेढ़ गुना हो जाएगी. 2040 से 2050 के बीच जीडीपी में डेढ़ गुना का इजाफा होगा और भारत की जीडीपी 2040 से 2050 के बीच 13.2 से 22.2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. 2050 से 2060 के बीच यह आंकड़ा बढ़कर 33.2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा और उसके अगले दशक में 2070 तक 45.8 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा. उसके बाद अगले पांच साल में इसमें 1.2 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और 2075 भारत के पास 52.5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होगी.

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2075 तक कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा पाकिस्तान?
Goldmans Sachs के अनुसार साल 2020 में पाकिस्तान की जीडीपी 0.3 ट्रिलियन डॉलर थी, जिसमें 2075 तक 41 गुना इजाफा होने का अनुमान है. अगले 51 साल में पाकिस्तान दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आज के समय में पाकिस्तान टॉप 10, टॉप 20 या टॉप 30 में भी कहीं नहीं है. वह 377 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 41वें नंबर पर है, लेकिन एक्सपर्ट्स की भविष्यवाणी है कि वह 12.3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ छठे नंबर पर आ जाएगा.

2020 से 2075 तक किस रफ्तार से बढ़ेगी पाकिस्तान की जीडीपी?
रिपोर्ट का अनुमान है कि 2020 से 2075 तक हर 10 साल में पाकिस्तान की इकॉनोमी दोगुने की रफ्तार से बढ़ेगी. 2020 से 2030 के बीच पाकिस्तान की इकोनॉमी दोगुना बढ़ जाएगी और यह 0.3 ट्रिलियन डॉलर से 0.6 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. अगले दस साल में इसमें दोगुने से भी ज्यादा इजाफा होगा और यह 1.6 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. इसके बाद 2050 में 3.3 ट्रिलियन डॉलर, 2060 में 6.1 ट्रिलियन डॉलर, 2070 में 9.9 और 2075 में 12.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी.

आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि देश अगर मेहनत करे तो भारत और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ सकता है।

PM शहबाज शनिवार को इस्लामाबाद के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में अधिकारियों को सम्मानित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने यह बयान दिया। हालांकि, जहां एक तरफ पाकिस्तान बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से टक्कर लेने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ देश में मंहगाई चरम पर है।

रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे है। सरकार भी इनके दाम कंट्रोल करने में फेल साबित हो रही है। देश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के ऐरी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में दूध की कीमत 210 पाकिस्तानी रुपए प्रति लीटर हो गई है।

टैक्स कलेक्शन हमारी चुनौती- पाक पीएम पाकिस्तानी PM शरीफ ने कहा कि “पाकिस्तान कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें टैक्स कलेक्शन हमारी बड़ी चुनौती है। टैक्स कलेक्शन के बाद हमारे रेवेन्यू में बढ़ोतरी होनी चाहिए थी, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है।”

पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक देश में हर साल 5.8 ट्रिलियन रुपए की टैक्स चोरी होती थी। यह पाकिस्तान की GDP का करीब 6.9 प्रतिशत है।

PM शहबाज ने आगे कहा, “देश में 9.4 ट्रिलियन रुपए के सालाना रेवेन्यू के मुकाबले 24 ट्रिलियन रुपए रेवेन्यू जनरेट करने की क्षमता है। लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। जिन देशों ने अपने आप पर विश्वास रखा , वो आगे बढ़ रहे हैं। वहीं हमें बार-बार लोन मांगने के लिए IMF के पास जाना पड़ रहा है।”

टैक्स चोरी से परेशान पाकिस्तान पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक टैक्स चोरी है। इस समस्या का पाकिस्तान पीएम कई बार जिक्र भी कर चुके हैं। कुछ दिन पहले पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने टैक्स वसूली के लिए नया तरीका निकाला था। FBR ने कहा था कि 15 मई तक टैक्स न जमा करने पर देश के 5 लाख से ज्यादा डिफॉल्टर्स की सिम डिएक्टिवेट कर दी जाएगी।

फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने एक इनकम टैक्स जनरल ऑर्डर (ITGO) में कहा था कि 2023 में 5 लाख से ज्यादा लोग टैक्स डिफॉल्टर रहे थे। एक्टिव टैक्सपेयर्स लिस्ट के मुताबिक, FBR को 1 मार्च तक 40 लाख टैक्सपेयर ने टैक्स दिया था, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 30 लाख 80 हजार था। 2022 में टैक्सपेयर्स की संख्या करीब 60 लाख थी।

भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना

आज भारत 2088 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होने के साथ ही विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इसके साथ साथ यहाँ की विकास दर पिछली तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी जो कि इसे पूरी दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाती है. वहीँ दूसरी ओर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आकार भारत की अर्थव्यवस्था के आकार से लगभग एक तिहाई (273 अरब डॉलर) का है.

भारत आज 2088 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होने के साथ ही विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. इसके साथ-साथ यहाँ की विकास दर पिछली तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी जो कि इसे पूरी दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाती है. वहीँ दूसरी ओर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आकार भारत की अर्थव्यवस्था के आकार से लगभग एक तिहाई (273 अरब डॉलर) का है.

इस लेख में हमने भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं की बीच में सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय, विदेशी कर्ज और रक्षा बजट इत्यादि जैसे मुद्दों के आधार पर तुलना की है.

1. सकल घरेलू उत्पाद

पाकिस्तान: 273 अरब डॉलर (विश्व अर्थव्यवस्था का केवल 0.44%)

भारत: 2088 अरब डॉलर (विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था का 2.7%) )

2. प्रति व्यक्ति आय (2017)

पाकिस्तान : 1142 डॉलर/वर्ष

भारत     : 1,582 डॉलर/वर्ष

3. विदेशी कर्ज:

पाकिस्तान : 757.47 अरब डॉलर  (सकल घरेलू उत्पाद का 66%)

भारत       :  385 अरब डॉलर (सकल घरेलू उत्पाद का 64%)

4. स्वर्ण भंडार

पाकिस्तान : 64.50 टन

भारत      : 557.77 टन (ज्ञातब्य है कि भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है)

5. विदेशी पूँजी भंडार

पाकिस्तान : 21,572 मिलियन डॉलर

भारत       : 3,79,000 मिलियन डॉलर (अब तक का भारत का सर्वोच्च स्तर)

6. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: (2017)

पाकिस्तान :  27.61 अरब डॉलर

भारत     : 43.48 अरब डॉलर

7. विकास दर

पाकिस्तान : 4.71%

भारत      : 7.1% (विश्व में सबसे अधिक)

8. बेरोजगारी दर

पाकिस्तान : 5.47%

भारत       : 4.9%

9.साक्षरता दर (2011)

पाकिस्तान : 60%

भारत       : 74.04%

10. गरीबी

पाकिस्तान : 39%

भारत     : 30% (रंगराजन समिति 2011-12)

11. मुद्रास्फीति दर या महंगाई दर

पाकिस्तान : 4.78%

भारत       : 6.55%

12. जनसंख्या का आकार

पाकिस्तान : 194 मिलियन

भारत : 1342 मिलियन (दुनिया में दूसरे नंबर पर)

13. सैन्य व्यय

पाकिस्तान : 0.6 लाख करोड़

भारत      : 2.7 लाख करोड़

14.  भ्रष्टाचार रैंक (2016)-पाकिस्तान में भारत की तुलना में ज्यादा भ्रष्टाचार है.

पाकिस्तान : 116 (स्कोर 29/100)

भारत       : 79 (स्कोर 38/100)

15. ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रैंक

पाकिस्तान : 144 (2016)

भारत       : 130 (2017)

Source:Online Data

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