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कैंसर से जूझ रहे IPS ऑफ‍िसर Kewal Khurana का न‍िधन, द‍िल्‍ली के अस्‍पताल में ली आख‍िरी सांस

कैंसर से जूझ रहे IPS ऑफ‍िसर केवल खुराना का न‍िधन, द‍िल्‍ली के अस्‍पताल में ली आख‍िरी सांस

आईपीएस केवल खुराना कैंसर से लड़ाई हार गये हैं उनका दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके पास वर्तमान में आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी थी।
आईपीएस केवल खुराना लंबे समय से कैंसर से लड़ रहे थे और वह रविवार को ज़िंदगी की जंग हार गए। उन्होंने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में आख़िरी सांस ली। केवल खुराना वर्ष 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उनकी गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती थी। वर्तमान में उनके पास आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी थी।

कैंसर से जूझ रहे IPS अध‍िकारी केवल खुराना का रविवार को न‍िधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के साकेत में स्थित मैक्स अस्पताल में आख‍िरी सांस ली। वह 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी थी। उनकी गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती थी। सीनियर आईपीएस केवल खुराना के निधन से पुलिस के साथ प्रदेश को बड़ी क्षति हुई है।
वह हरिद्वार और देहरादून के भी एसएसपी रह चुके थे। उन्होंने देहरादून की यातायात व्यवस्था को सुधारा, साथी अपराध को नियंत्रण में भी विशेष भूमिका निभाते रहे थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजीपी के साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रदेशवासियों ने शोक जताया है।

आईपीएस केवल खुराना वर्ष 2013 में राजधानी देहरादून के पुलिस कप्तान भी रह चुके थे। उस वक्त उन्होंने शहर की यातायात व्यवस्था के लिए बड़े फैसले लिए थे। आज भी उनके उन प्रयासों के कारण लोग खुराना को याद करते हैं। उन्होंने ऊधमसिंहनगर के पुलिस कप्तान के रूप में जिम्मेदारी संभाली। केवल खुराना प्रदेश के पहले यातायात निदेशक भी बने और लगभग चार सालों तक उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली। ट्रैफिक ऑय एप लांच कराने और यातायात सुधार के लिए उन्हें फिक्की की ओर से अवार्ड भी दिया गया था।
आपको बता दें क‍ि केवल खुराना अपनी कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और उत्कृष्ट प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते थे। उनके असमय निधन से परिवारीजनों, उत्तराखंड पुलिस महकमे, उनके सहयोगियों, दोस्तों और शुभचिंतकों में शोक की लहर देखने को म‍िल रहा है।

मैक्‍स अस्‍पताल में ली आख‍िरी सांस

वह पिछले कुछ समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। उनका द‍िल्‍ली के मैक्‍स अस्पताल में इलाज चल रहा था। यहीं अस्‍पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। सीनियर व 2004 बैच के आईपीएस के निधन से पुलिस महकमे में शोक की लहर है। वरिष्ठ आईपीएस केवल खुराना हरिद्वार देहरादून जैसे बड़े जिलों की कमान संभालने में न‍िपुण थे।
साहित्य व संगीत में थी खास रुच‍ि
इस दौरान उन्होंने कई सुधारात्मक निर्णय लिए जिनको लेकर उनकी चर्चा भी रही। साहित्य व संगीत में भी आईपीएस केवल खुराना की विशेष रुचि थी व एक गजल गायक के रूप में उभरकर सामने आए थे।
म‍िल चुके हैं कई अवार्ड
आपको बता दें क‍ि आईपीएस अध‍िकारी केवल खुराना उत्‍तराखंड के पहले यातायात निदेशक भी बने थे। इस दौरान उन्‍होंने करीब चार सालों तक यह जिम्मेदारी संभाली थी। उन्‍हें ट्रैफिक ऑय एप लांच कराने और यातायात सुधार के लिए फिक्की की ओर से अवार्ड देकर सम्‍मान‍ित भी कि‍या गया था।

इसके बाद उन्हें जनरल कमांडेंट होमगार्ड बनाया गया। अपने इस कार्यकल में उन्होंने होमगार्ड के न सिर्फ कल्याण के लिए कदम उठाए बल्कि होमगार्ड को तरह तरह की आधुनिक ट्रेनिंग कराई। इनके हथियार चलाने से लेकर रेस्क्यू तक शामिल रहा।
आईजी ट्रेनिंग रहते हुए उन्होंने आईपीसी सीआरपीसी के उर्दू के शब्दों को बदलकर आम बोलचाल की भाषा हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू कराया। खुराना बदायूं जिले के रहने वाले थे। उनके पिता टेंट कारोबारी होने के साथ साथ एक साहित्यकार भी हैं। साहित्य में केवल खुराना की रुचि थी। उन्होंने तुम आओगे ना नाम से एक गीत श्रृंखला लिखकर इसका ऑडियो एल्बम भी लांच कराया था।
केवल खुराना काफी समय से बीमार चल रहे थे पहले उनका इलाज देहरादून के निजी अस्पताल में चल रहा था उसके बाद उनके परिजनों ने उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था लेकिन रविवार को उनका देहान्त हो गया। इससे पूरे पुलिस महकमे में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जायेगा।

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला (लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं)

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