
Rishikesh, India - young People on adventure white water river rafting are enjoying water sports in river Ganges

उत्तरखंड की बेटियां जल्द ही ऋषिकेश में गंगा नदी पर पर्यटकों को राफ्टिंग कराती नजर आएंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से 14 महिलाओं को व्वाइट वॉटर रिवर रॉफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया गया है। जो अब पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बतौर प्रोफेशनल राफ्टिंग गाईड अपना करियर शुरू करने को तैयार हैं।
ऋषिकेश हाल के समय में राफ्टिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है, यहां हर साल पांच लाख से अधिक पयर्टक राफ़्टिंग के लिए आ रहे हैं, इस तरह राफ्टिंग गतिविधि, कारोबार के साथ ही रोजगार का भी जरिया बन रही है। लेकिन अब तक राफ्टिंग गाइड का काम पूरी तरह पुरूष ही कर रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने महिलाओं को रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद पयर्टन विभाग ने चुनिंदा 14 महिलाओं को अप्रैल से जून के बीच तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। इसमें प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने का खर्च भी पर्यटन विभाग की ओर से उठाया गया।
उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, अब बड़ी संख्या में महिला पयर्टक भी राफ्टिंग के लिए आ रही हैं। ऐसे में महिलाओं को बतौर राफ्ट गाईड प्रशिक्षण दिया जाने का प्रयास किया जा रहा है। अच्छी बात है कि महिलाओं ने इसके लिए रुचि दिखाई है, यह उत्तराखंड की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री उत्तराखं
सफलता की कहानी

पौड़ी जिले में सिरांसू गांव निवासी प्रियंका राणा, वर्तमान में बीबीए कर रही हैं, प्रियंका क्याकिंग एथलीट हैं। प्रियंका बताती हैं कि उनके गांव के पास बड़ी संख्या में राफ्टिंग होती है, ऐसे में जब उन्हे उत्तराखंड सरकार के अधीन महिलाओं को राफ्टिंग गार्डड का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने इसमें अपना पंजीकरण कर लिया। प्रियंका इसके लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब बतौर राफ्टिंग गाईड अपना करियर बनाना चाहती हैं।
रामनगर निवासी कामाक्षी गोयल वर्तमान में गोवा की नॉटिकल कंपनी में काम कर रही हैं। कामाक्षी बताती हैं कि वो पहले से ही वाइट वॉटर फील्ड में जॉब कर रही थी, इसलिए उन्होंने स्किल बढाने के लिए राफ्टिंग प्रशिक्षण लिया। इसके लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से तीन महीने का प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने की सुविधा निशुल्क मिली। कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में बडा प्रयास करार दे रही हैं
ऋषिकेश निवासी मुस्कान भी पहले बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। मुस्कान अभी ऋषिकेश से ग्रैज्यूएशन कर रही हैं, मुस्कान बताती हैं कि तीन महीने तक उन्हें विदेशी प्रशिक्षकों ने रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी, इस दौरान एक हफ्ते तक उन्होंने देवप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में राफ्टिंग भी की, पूरी तरह महिलाओं के द्वारा संचालित यह अभियान लाजवाब था, मुस्कान अब इसी क्षेत्र में करियर बढ़ाना चाहती हैं, वो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं
Credit: डॉ हरीश चन्द्र अन्डोला ( लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं)