हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए MBBS की 100 सीटों को केंद्र सरकार की मंजूरी
कॉलेज में वर्तमान में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं।
विस्तार
हरिद्वार में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना को केंद्र सरकार द्वारा 100 एमबीबीएस सीटों के साथ स्वीकृति मिल गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने 2024-2025 शैक्षणिक सत्र के लिए 100 एमबीबीएस सीटों के साथ इस नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा था।
इसके बाद, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की पहली अपील में कॉलेज को कुछ खामियों के आधार पर अस्वीकृति मिली थी। हालांकि, दूसरी अपील में केंद्र सरकार ने इन खामियों की समीक्षा की और नए दस्तावेजों और प्रस्तुतियों के आधार पर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दे दी है।
कॉलेज में वर्तमान में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं।
राज्य सरकार ने यह आश्वासन भी दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 शुरू होने से पहले सभी आवश्यक फैकल्टी और बुनियादी ढांचे को पूरा कर लिया जाएगा।
इसके साथ ही, अस्पताल में पहले से चल रही सेवाओं के साथ-साथ ओपीडी और अन्य चिकित्सा सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना से उत्तराखंड
में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा सुधार होगा। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ती
सीटों के साथ, स्थानीय छात्रों को यहीं पर उच्चस्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा
और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का भी विस्तार होगा।
देहरादून: हरिद्वार जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की दिशा में सरकार मेडिकल कॉलेज निर्माण के साथ कदम बढ़ा चुकी है.
ऐसे में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का संचालन जल्द शुरू होने जा रहा है. दरअसल, भारत सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए
100 एमबीबीएस की सीटें आवंटित कर दी है. जिस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
जेपी नड्डा का धन्यवाद देते हुए आभार जताया है.
उत्तराखंड में देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद अब हरिद्वार में भी मेडिकल कॉलेज का संचालन
शुरू होने जा रहा है. मैदानी जिला होने के बावजूद हरिद्वार जिले में चिकित्सकों की कमी थी. जिसके चलते राज्य सरकार ने हरिद्वार में मेडिकल
कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू किया था. साथ ही बहुत कम समय में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का भवन बनकर तैयार हुआ. पिछले महीने ही
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. इस दौरान एनएमसी टीम में कुछ कमियां बताई थी.
चिकित्सा शिक्षा सचिव के अनुसार, एनएमसी टीम ने कमियां बताई थी, उनको दूर कर लिया गया था. जिसके बाद अब हरिद्वार मेडिकल कॉलेज
के लिए शुरुआती चरण में 100 एमबीबीएस सीटों को मंजूरी मिली है. इस कॉलेज के निर्माण से हरिद्वार जिले की लाखों की आबादी को फायदा मिलेगा.
दरअसल, इस जिले की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऋषिकेश एम्स या फिर देहरादून के तमाम अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन मेडिकल कॉलेज बनने से लोगों को फायदा मिलेगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है.
पर्वतीय जिलों के साथ ही मैदानी जिलों में चिकित्सा सेवाओं को जनता के लिए सुलभ बनाना चाहते हैं.इसी क्रम में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के निर्माण को तेजी से पूरा किया गया है. लिहाजा, भविष्य में लोगों को इस अस्पताल के खुलने से बड़ा लाभ होगा. लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा.
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