उत्तराखण्ड में पर्वतीय मार्गों पर रोडवेज बस से सफर सुखद होने वाला है। परिवहन निगम को टाटा कंपनी से 130 रोडवेज बसें 15 अक्तूबर तक मिलने वाली हैं। इसके लिए निगम ने अब टाटा कंपनी के अधिकारियों को अपने तकनीकी कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए पत्र भेजा है। परिवहन निगम के अल्मोड़ा, भवाली, रानीखेत, बागेश्वर, काठगोदाम, हल्द्वानी, रामनगर, लोहाघाट, पिथौरागढ़, पर्वतीय डिपो, ऋषिकेश, श्रीनगर और कोटद्वार डिपो को ये नई बसें मिलेंगी।
निगम के महाप्रबंधक तकनीकी अनिल सिंह गर्ब्याल की ओर से टाटा कंपनी को भेजे पत्र में कहा कि चूंकि पहली बार उत्तराखंड रोडवेज इन बसों का संचालन करेगा, इसलिए इन बीएस-6 मॉडल की बसों से संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण की जरूरत है। उन्होंने सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधकों के नंबर कंपनी से साझा करते हुए मांग की कि जल्द डिपो के तकनीकी कार्मिकों व चालकों को प्रशिक्षण दिया जाए।
लगातार घट रहा है निगम का बस बेड़ा
परिवहन निगम का बस बेड़ा लगातार घटता जा रहा है। जो रोडवेज बसें अपनी आयु पूरी कर रही हैं, निगम उन्हें संचालन से हटा रहा है। लिहाजा निगम को ज्यादा संख्या में नई व बीएस-6 वाली बसों की दरकार है। निगम नई बसें कम खरीद रहा है। इसके बजाए निगम अनुबंधित बसों पर फोकस कर रहा है।
कहा, सॉफ्टवेयर से संबंधित जानकारी भी दी जाए, ताकि उस हिसाब से बसों का संचालन आसानी से किया जा सके। बता दें कि बसों की यह खरीद लंबे समय से लटकी हुई थीं। अब ये बसें एसीजीएल गोवा में तैयार हुई हैं, जिनकी जांच के लिए निगम की एक विशेषज्ञ टीम इन दिनों गोवा गई हुई है। चूंकि, पिछली बस खरीद में खामियां आईं थीं, इसलिए इस बार बस लाने से पहले कंपनी में ही जांच कराई जा रही है।
प्रक्रिया यदि सही प्रकार से चली तो फिर इसी वर्ष अंत तक ये बसें सड़कों पर दौडऩे लगेंगी। राज्य परिवहन निगम के पास अभी लगभग 1200 बसों का बेड़ा है। इसमें से परिवहन निगम के पास अपनी 950 बसें हैं और शेष बसें अनुबंध के आधार पर चलाई जा रही हैं।